संभल: ट्रेनी आईईएस ध्रुव वार्ष्णेय को शायद मौत ही खींच ले गई l इंजीयर की मौत से क़स्बा बबराला गमगीन है l किसी को विश्वास नहीं हो रहा कि संभल ने एक काबिल साथी को अपने बीच से खो दिया है l
पूरा मामला समझने को हम आपको संभल के उस कस्बा बबराला लेकर चलते हैं ध्रुव ने यहाँ रहते हुए इंटर तक शिक्षा टाटा केम डीएवी स्कूल से पाई l साथ ही स्कूल की टॉपर लिस्ट में भी ध्रुव ने हाई स्कूल और इंटर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई l इंटर के बाद भी ध्रुव को मैथ रास आई और एएमयू अलीगढ में इंजीनियरिंग का कंपटीशन क्वालीफाई कर बीटेक और एमटेक कर भारतीय इंजीनियरिंग सेवा में स्थान प्राप्त किया l ध्रुव इन दिनों ट्रेनिंग पर था और दो माह बाद उसकी लोक निर्माण विभाग में पोस्टिंग होने वाली थी l
बताते चलें कि गुन्नौर थाना के नंदरोली के वैश्य परिवार में ध्रुव जन्म ने जन्म लिया l तीन दशक से भी अधिक समय से पूर्व ये माध्यम वर्गीय परिवार कस्बा बबराला में आकर बस गया l पिता पवन वार्ष्णेय पुलिस चौकी के सामने मामूली सी परचून दुकान चलाते है l
होली की छुट्टी पर यहाँ आया ध्रुव अपने दोस्तों छवि और प्रवीण के साथ समीपस्थ राजघाट गंगा तट पर गंगा स्नान को गया l जहां तट पर घाट बन रहा है l घाट के निर्माण कार्य की वजह से गंगा से रेत इधर से उधर की जा रही है जिसमें बने गहरे गढ़ढ़ों में तीनों डूब गए घाट पर मौजूद तैराकों ने मशक्कत कर छवि और प्रवीण को तुरंत निकाल लिया जिससे वे बच गए परन्तु ध्रुव को निकलने में टाइम लग गया l जो उसकी मौत का कारण बना l ट्रेनिंग से घर आना फिर रंग के बीच गंगा जाना और गंगा से बाद में निकलना शायद ट्रेनी आइईएस को मौत ही खींच लाई l
तकरीबन पच्चीस हजार की आबादी वाले बबराला क़स्बा में आमतौर पर अधिकांश लोग एक दूसरे को जानते हैं l तमाम लोगों में दोस्ताना रिश्ते है तमाम तो इस तरह के हैं जिनके पिता की पिता और पुत्र की पुत्र से मित्रता है l धूल के दिन तमाम मित्र साथ गंगा स्नान को जाते हैं कुछ रंग के दौरान तो कुछ रंग खेलने के बाद गंगा स्नान जाते हैं l इस जारी परम्परा के तहत ही ध्रुव दोस्तों के साथ राजघाट गंगा गया और फिर जीवित वापस नहीं लौटा !
होनहार जवान बेटे की मौत के बाद ध्रुव का पिता पवन बदहवासी की हालत में है l
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