लखनऊ: राज्यसभा की 10 सीटों के लिए चुनाव कल होने हैं और लोकसभा चुनाव 2019 से पहले यह चुनाव सपा-बसपा के गठबंधन की मजबूती को आंकने के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। देश के सबसे बड़े राज्य यूपी की दो सबसे बडी़ पार्टियां समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के अलावा ऐसी कोई पार्टी नहीं हैं जो अकेले दम पर राज्यसभा की सीट पर फतह हासिल कर सके। वहीं सपा और बसपा के गठबंधन की डोर कितनी मजबूत है उसका पता तब ही चलेगा जब सपा मुखिया अपने 10 विधायकों के मत बसपा के उम्मीदवार भीमराव अम्बेडकर को जीताने के लिए ट्रांसफर करेंगे।
फलपर गोरखपुर में हुए लोकसभा उपचुनाव में बसपा ने अपना वोट बैंक सपा को ट्रांफर कर गठबंधन की नीव रख दी थी। सपा को ऐतिहासिक जीत हासिल हुई वहीं अब पार्टी की कर्ज चुकाने की बारी आ गई है। मायावती ने कहा कि अखिलेश यादव अपने उन 10 समर्पित समाजवादी पार्टी के विधायकों की लिस्ट दें जो बसपा कैंडिडेट के लिये वोट करेंगे। ऐसा इसलिये ताकि किसी भी तरह की क्रॉस वोटिंग से बचा जा सके। राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो करीब 25 साल के बाद सपा-बसपा के गठबंधन का संयोग बना है और यह आगे भी जारी रहे, इसके लिए राज्यसभा चुनाव के परिणाम पर सबकी नजरें टिकी है।
यूपी में राज्यसभा में एक उम्मीदवार को जिताने के लिए 37 विधायकों का समर्थन की जरूरत होती है। प्रदेश के 403 विधायकों में से 47 सपा के पास हैं। इसमें से 37 विधायक जया बच्चन को चुनाव जिता देंगे जिसके बाद भी तकनीकी रूप से सपा के पास 10 वोट बचेंगे। बसपा के पास 19 वोट हैं जबकि कांग्रेस के पास 7 और राष्ट्रीय लोकदल के पास 1 वोट है। ऐसे में इन दलों का गठबंधन ही 10वें सदस्य को राज्यसभा भेज सकता है, मगर थोड़ी सी भी गड़बड़ी सारा खेल बिगाड़ सकती है।
अपने-अपने मतों को एकजुट रखने के लिए सपा और बसपा ने ‘डिनर डिप्लोमेसी‘ का सहारा लिया है। सपा ने कल बुधवार रात अपने विधायकों को होटल ताज में डिनर पार्टी पर बुलाया था वहीं आज बसपा मुखिया मायावती ने भी अपने विधायकों को रात के खाने के लिए निमंत्रण भेजा है। इस डिनप डिप्लोमेसी का असर कल रात में खूब देखने को मिला। अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव और निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने शिरकत की और सपा को अपने-अपने समर्थन का ऐलान किया। वहीं भाजपा ज्वाइन कर चुके सपा के पूर्व वरिष्ठ नेता नरेश अग्रवाल के पुत्र व सपा विधायक नितिन अग्रवाल भी बुधवार को सीएम योगी की डिनर पार्टी में शामिल हुए जिनके भाजपा को वोट करने की प्रबल सम्भावनाएं हैं। इधर कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी भीमराव अम्बेडकर को समर्थन देने की घोषणा की है।
भाजपा 324 विधायकों के बलबूते सबसे ज्यादा 8 सीटें जीतने में सक्षम है। भाजपा ने 10 सीटों के लिए 9 प्रत्याशी उतारे हैं और ये विपक्ष के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि अगर क्रास वोटिंग हुई तो विपक्ष के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है।
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