संभल: आंधी, बरसात, तपती गर्मी या भयंकर शीत लहर भी श्रद्धालुओं की श्रद्धा को डिगा नहीं पाई है l श्रद्धा का आलम ये है कि बिना किसी विराम के श्री हरिमहाराज के अनुयाई सैंतालीस साल से श्री हरि महाराज का अखंड कीर्तन कर रहे हैं l

माँ आनंदमयी और उड़िया बाबा के समकालीन संत श्री हरिमहाराज की कर्म स्थली श्री हरिधाम बांध धाम पर सैंतालीस साल से उनके अनुयाई अखंड श्री हरि नाम संकीर्तन कर रहे हैं l
यूपी के संभल जनपद के क़स्बा गवां के पास गंगा तट से चाँद दूर हरि महाराज की श्री हरि धाम बाँध,देश विदेश में ख्यातिलब्ध श्री हरि महाराज की कर्म स्थली है l वर्तमान संभल और तत्कालीन बदायूं जनपद की गुन्नौर और बिसौली तह्सील को गंगा की बाढ़ से बचाने के लिए वैल एजूकेटेड सिख परिवार में जन्मे संत श्री हरि महाराज ने सिर्फ छः महीने में बगैर सरकारी सहयोग के मात्र श्रम दान से गंगा पर 34 किलोमीटर लम्बा बाँध बना दिया l
लोगों का अपार प्रेम देख वे यहीं के हो कर रह गए तथा बाद में बाँध धाम पर ही ब्रह्मलीन हो गए l बाँध धाम पर उनके अनुयाई 1971 से अखंड हरि नाम संकीर्तन कर रहे हैं l जो आंधी बरसात ठण्ड गर्मी की चिंता बिना खुद भक्त संचालित करते हैं l प्रतिदिन एक गाँव कस्बे की टोली 24 घंटे का कीर्तन का जिम्मा संभालती है और कीर्तन को कुशलता से संचालित करती है l