संभल: लो आ गई अब नकली रोडवेज !




                                                  संभल के गुन्नौर में डग्गामारी  करतीं  नकली रोडवेज  





संभल:असली नकली का खेल भी वक्त के साथ रंग बदलने लगा है l खाने पीने,रोजमर्रा के इस्तेमाल, दवाएं , इलेक्ट्रॉनिक्स  आइटम के नकली होने की शिकायतों के बाद जिस नकली चीज से आपको हम अवगत करा रहे हैं शायद उसके बारे में लोगों ने सोचा भी नहीं होगा l ये है आम आदमी की बड़ी जरूरत रोडवेज बस l


चौंक गए न संभल में आज-कल नकली रोडवेज चल रही हैं, जो गुन्नौर से दिल्ली के लिए रोडवेज के सामने खड़े हो कर धड़ल्ले से सवारियां  ढो कर न सिर्फ यात्रियों को धोखा देती हैं बल्कि उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम की आय को भी चुनौती बन गई हैं l   

बदायूं दिल्ली रोड पर इन दिनों रोडवेज के समानांतर पश्चिमी यूपी के ट्रांसपोर्ट धंधेबाजों ने रोडवेज की शक्ल में रंग-रोगन करा कर नकली रोडवेज  बसों को चलने का धंधा चला रखा है l गुन्नौर से दिल्ली के लिए नकली रोडवेज सुबह से रात तक दौडती हैं l यात्रियों को बस को  उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम का होने का झांसा देने के लिए बस के फ्रंट शीशे पर उत्तर प्रदेश परिवहन की जगह उत्तर प्रदेश परिवरतन या उत्तर प्रदेश परिवार लिखवाया जाता है l कई बसों पर  परिवहन निगम के लोगो से मिलता जुलता लोगो भी शीशे पर साफ़ देखा जा सकता है l 

रोडवेज की तरह साधारण किराया के अलावा गंतव्य स्थल दिल्ली की प्लेट भी सामने लगा कर यात्रियों को धोखे का खेल किया जा रहा है l 

एक जैसा रंग और हूबहू शक्ल देने के पीछे लम्बी दूरी की यात्रा के लिए उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की यात्रियों में विश्वसनीयता है चूंकि यात्री यूपी रोडवेज के सामने निजी बस को पसंद नहीं करता , रोडवेज की इस साख को कैश करने को निजी बसों को रोडवेज की शक्ल दी जाती है l बस के नकली रोडवेज होने का यात्री को तब पता लगता है जब तक वह लुट चुका  होता है , दरअसल यात्री के बस में बैठने के बाद बस चल देती है और परिचालक उससे किराया ले जाता है किसी यात्री द्वारा टिकट  मांगने पर उसे बाद में देने का वादा करता है लेकिन नीली बसों की तरह ठूंस-ठूंस कर सवारी भरने की आदत की तरह बस जब हर जगह सवारी बैठाने को रुकती है  तब उसे पता लगता है कि वह धोखे से निजी बस में गलत बैठ गया ! 

बस को रोडवेज की शक्ल देकर रोडवेज के सामने दबंगई से सवारियां भर उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को चुनौती तथा यात्रियों को धोखे का खेल-खुले आम होता है l बस  मालिकों के अलावा दबंगों का संरक्षण और पुलिस तथा उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम, पुलिस और परिवहन विभाग की आँखों पर पट्टी की नीति पूरे खेल के पीछे  का एक बड़ा साज बताया जाता है l जानकारों की मानें तो गुन्नौर से दिल्ली के लिए प्रतिदिन करीब डेढसौ नकली रोडवेज  बस चल रही हैं l  



  

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