सुनील कुमार माहेश्वरी
लखनऊ: राजधानी समेत समूचे मुल्क में मुस्लिम समुदाय का ख़ास त्यौहार शब-ए-बारात अक़ीदतो एहतराम के साथ मनाया गया, इस खास मौक़े पर अदब की सरज़मी लखनऊ में मुख़्तलिफ़ मक़ामात पर मजहबी महफ़िलों, इबादत, और क़सीदे ख्वानी का दौर चला, लोगों ने कब्रिस्तान में अपने अज़ीज़ों की कब्रों पर जाकर इसले सवाब किया l
वाज़े हो कि शब-ए-बारात में मुस्लिम अपने घरों से निकल कर मग़रिब की नमाज़ के बाद से क़ब्रिस्तानों पर अपने पुरखों और अज़ीज़ों की कब्रों पर जाते है। शब-ए-बरात के मौके पर कब्रों पर पहुँच कर मोमबत्तियां और अगरबत्ती जलाते है और सूरेह फातिहा पढ़ कर मरने वालों के लिए दुआ करते हैं।
वहीं पुराने लखनऊ में भी बड़ी तादाद में लोग नज़र आये जो ऐशबाग कब्रिस्तान पहुँच कर अपने अज़ीज़ों की कब्रों पर पहुँचे।
इसके अलावा ऐशबाग ईदगाह में मौलाना ख़ालिद राशिद फरंगी महली के यहाँ इस खास मौके पर दस्तारबंदी और किरत का मुकाबला भी हुआ जिसमें मदारिस के तलबा ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया l
जिसमें शहर के कई उलेमा शरीक हुए। वहीं मौलाना ने अवाम को पैगाम देते हुए कहा कि इस दिन को इबादत के तौर पर मनाया जाए और मुल्क की तरक्की और अमन चैन की दुआ करें l
वहीं दूसरी तरफ शिया फ़िरक़े में भी शब-ए-बारात की खुशी के साथ इमामे ज़माना यानी शियों के बारहवें इमाम, इमाम मेंहदी की यौमे पैदाइश की खुशी भी मनाई गई जिसमें कई जगह महफ़िलों के साथ शहर की इमारतें दुल्हन की तरह सजी नज़र आईं l
बाइट -मौलाना ख़ालिद राशिद फरंगी महली, धर्मगुरु
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