दिल्ली: कर्नाटक में बहुमत का इंतजाम न होने के बाबजूद राज्यपाल की अधिकार सीमा से मुख्यमंत्री बने बी. एस. येदुरप्पा ढाई दिन भी अपने पैरों पर नहीं चल सके l विश्वास मत पर मतदान से पहले इस्तीफा देने से कर्नाटक में न सिर्फ भाजपा की किरकिरी हुई है वहीं येदुरप्पा के बहुमत सिद्ध करने के दाबे की भी हवा निकल गई l
104 विधायकों के बल पर विश्वास मत हासिल का दावा करने वाले कर्नाटक भाजपा के नेता येदुरप्पा ढाई दिन भी अपने पैरों पर नहीं चल सके l दोबारा जनता के बीच जाने और किसान और पानी जैसे अहम मुद्दों पर जनता की हमदर्दी हासिल करने के प्रयास का भाषण दे उन्होंने इस्तीफा दिया और मैदान छोड़ चलते बने l
कर्नाटक में सीएम की कुर्सी को कई दिन तक चले इस हाई वोल्टेज कर- नाटक से भाजपा की किरकिरी हुई है l विश्वास मत हासिल करने का दाबा करने करने वाले येदुरप्पा की क्षमता और उनके दाबे की भी असलियत सामने आ गयी है l कर्नाटक में येदुरप्पा का नाम अब ढाई दिन के मुख्यमंत्री के रूप में लिया जाएगा l
अंततः कांग्रेस की किले बंदी और कांग्रेस जेडीएस की एकता येदुरप्पा से कुर्सी छीनने में कामयाब रही l
येदुरप्पा के वे -रंग वापसी के बाद कांग्रेस जेडीएस को सरकार बनाने का मौका मिल गया है l
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के हाथ लगातार मात खा रही कांग्रेस को कर्नाटक में येदुरप्पा के इस्तीफे के बाद संजीवनी मिल गई है l संभावना है कि कांग्रेस कर्नाटक के इस मामले को 2019 में जनता के बीच लेकर जाएगी l
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