क़ातिल लिये तलवार पसे पुश्त खड़ा है
ये जान के सजदे में चले जाओ तो जानें
लखनऊ: शिया फ़िरक़े के पहले इमाम हज़रत अली इब्ने अबुतालिब की शहादत की तारीख के सिलसिले में लखनऊ में ग़मगीन माहौल में 21वी रमज़ान का जुलूस अकिदतो एहतराम के साथ निकाला गया जिसमें लाखो की तादाद में अकीदतमंदों ने जुलूस में शरीक होकर हज़रत अली को ख़िराजे अक़ीदत पेश की।
तक़रीबन 1400 बरस पहले मस्ज़िद में नमाज़ के दौरान हज़रत अली को ज़रबत मारकर शहीद कर दिया गया था l
याद में आज भी शिया मुहशरा हज़रत अली की याद में 19 रमज़ान से लेकर 21 रमज़ान तक ग़म मनाता है इसी के चलते यह क़दीमी जूलूस भी बरामद किए जाते है, जिसमे बड़ी तादात में अक़ीदतमंद शामिल होकर ग़म का इज़हार करते है 21वी रमज़ान को निकलने वाला यह जुलूस दरगाह हज़रत अब्बास इलाक़े के रोज़ाए नजफ़ से बरामद होकर कर्बला तालकटोरा गया जिसमें पुलिस ने हिफ़ाज़त के कड़े बंदोबस्त किए थे।
लखनऊ: शिया फ़िरक़े के पहले इमाम हज़रत अली इब्ने अबुतालिब की शहादत की तारीख के सिलसिले में लखनऊ में ग़मगीन माहौल में 21वी रमज़ान का जुलूस अकिदतो एहतराम के साथ निकाला गया जिसमें लाखो की तादाद में अकीदतमंदों ने जुलूस में शरीक होकर हज़रत अली को ख़िराजे अक़ीदत पेश की।
तक़रीबन 1400 बरस पहले मस्ज़िद में नमाज़ के दौरान हज़रत अली को ज़रबत मारकर शहीद कर दिया गया था l
याद में आज भी शिया मुहशरा हज़रत अली की याद में 19 रमज़ान से लेकर 21 रमज़ान तक ग़म मनाता है इसी के चलते यह क़दीमी जूलूस भी बरामद किए जाते है, जिसमे बड़ी तादात में अक़ीदतमंद शामिल होकर ग़म का इज़हार करते है 21वी रमज़ान को निकलने वाला यह जुलूस दरगाह हज़रत अब्बास इलाक़े के रोज़ाए नजफ़ से बरामद होकर कर्बला तालकटोरा गया जिसमें पुलिस ने हिफ़ाज़त के कड़े बंदोबस्त किए थे।
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